Business Idea : करें यह बिजनेस और कमाये मोटी रकम, सरकार देने जा रही 5 लाख

Business Idea : अगर आप नए साल पर खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छा मौका है. केंद्र सरकार की योजना मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJK) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने की है.

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का एक अच्छा स्रोत है. पीएमबीजेपी (PMBJP) के तहत, वित्तीय सहायता के रूप में जनऔषधि केंद्रों को 5 लाख रुपये का इंसेंटिव मिलता है. आपको बता दें कि जनऔषधि केंद्रों के जरिए सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं.

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Business Idea : उत्तर-पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, द्वीप क्षेत्रों और पिछड़े क्षेत्रों में आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए रिम्बर्समेंट रूप में 2 लाख रुपये का एकमुश्त एडिशनल इंसेंटिव दिया जाता है. यह इंसेंटिव महिला उद्यमी, पूर्व सैनिक, दिव्यांग, एससी और एसटी द्वारा खोले जाने पर मिलता है. पिछले 8 वर्षों में पीएमबीजेपी के जरिये लगभग 18,000 करोड़ रुपये की बचत की गई है. सरकार ने देश भर के 766 जिलों में से 743 जिलों को शामिल करते हुए 9,000 से अधिक केंद्रों को चालू किया है.

पीएमबीजेके (PMBJK) में ऐसी दवाओं को बेचा जाता है, जिनकी कीमत ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50% से 90% तक कम होती है. इन केंद्रों पर 1,759 दवाएं और 280 सर्जरी उपकरण उपलब्ध हैं.

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रसायन और उर्वरक मंत्रालय के औषधि विभाग ने नवंबर 2008 में इन केंद्रों की शुरुआत की थी और पीएमबीजेपी ने दिसंबर 2017 में 3,000 केंद्र खोलने का लक्ष्य हासिल किया था. मार्च 2020 में इन केंद्रों की संख्या बढ़कर 6,000 हो गई. आधिकारिक बयान में कहा गया, पिछले वित्त वर्ष में केंद्रों की संख्या 8,610 से बढ़कर अब 9,000 हो गई है. सरकार ने देश भर के 766 में से 743 जिलों को शामिल करते हुए 9,000 से अधिक केंद्रों के साथ पीएमबीजेपी की पहुंच को व्यापक बनाया है.

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Business Idea : बयान में आगे कहा गया, सरकार ने मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों (PMBJK) की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है. जनऔषधि केंद्रों के जरिये वित्त वर्ष 2021-22 में 893.56 करोड़ रुपये मूल्य की दवाओं व चिकित्सा उपकरणों की बिक्री की गई थी. इस तरह ब्रांडेड दवाओं की तुलना में देशवासियों के 5,300 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली. बयान में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 30 नवंबर, 2022 तक बिक्री 758.69 करोड़ रुपये थी, जिससे नागरिकों को लगभग 4,500 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

 

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