देश के सबसे बड़े कोचिंग हब kota में सुसाइड केस ने बढ़ाई पलकों की चिंता , एक और कोचिंग स्टूडेंट ने की आत्महत्या ,एक सप्ताह में ये तीसरा सुसाइड
देश के सबसे बड़े कोचिंग हब माने जाने वाले kota में एक के बाद सुसाइड के मामले सामने आ रहे हैं. खबर है कि कोटा में एक और कोचिंग स्टूडेंट ने सुसाइड किया है. इस तरह से बीते छह दिन में तीन कोचिंग छात्र आत्महत्या कर चुके हैं.
kota में मनीष प्रजापति नाम के एक कोचिंग छात्र की आत्महत्या का मामला सामने आया है. 17 साल का मनीष उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला था.
पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. आजमगढ़ का रहने वाला मनीष पिछले छह महीने से कोटा के एक निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट में ज्वॉइन्ट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की परीक्षा की तैयारी कर रहा था. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इस साल कोटा में अब तक 21 छात्र आत्महत्या कर चुके हैं.
kotaमें सुसाइड के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले मनजोत सिंह ने बीते हफ्ते सुसाइड कर ली थी. वह कोटा में डॉक्टर बनने के लिए मेडिकल की पढ़ाई कर रहा था. 18 साल का अनजोत अप्रैल महीने से कोटा में था. पुलिस को जब उसके सुसाइड की जानकारी मिली तो हॉस्टल पहुंची. उस समय रूम अंदर से लॉक था. स्टूडेंट के पूरे मुंह पर पॉलीथिन बंधी थी और हाथ पीछे से बंधे थे.
‘मुंह पर पॉलीथिन और हाथ में बंधी मिली रस्सी’
kota : छात्र मनजोत जब फैन से सुसाइड नहीं कर सका तो पहले उसने सिर और मुंह को पॉलीथिन से ढक लिया. उसके बाद पॉलीथिन को अपने गले के पास से चारों ओर से रस्सी से बांध दिया कि सांस आ न सके. उसके बाद अपने दोनों हाथों को रस्सी से पीछे की तरफ बांध लिया और बेड पर लेट गया. इससे उसे प्रॉपर सांस नहीं मिल पाई.
छात्र के कमरे से सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें छात्र ने लिखा है कि मेरे परिवार और मेरे दोस्तों को परेशान नहीं किया जाए. यह मैं अपनी मर्जी से कर रहा हूं. साथ ही छात्र ने यह भी लिखा है कि ‘हैप्पी बर्थडे पापा’.
बिहार के भार्गव ने kota में लगा ली थी फांसी
बिहार के रहने वाले 16 वर्षीय छात्र भार्गव मिश्रा ने पांच अगस्त को फांसी लगा ली थी. मृतक की पहचान बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के मोतिहारी रघुनाथपुरम निवासी भार्गव मिश्रा के रूप में की गई थी. भार्गव इसी साल अप्रैल माह में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई की कोचिंग के लिए कोटा आया था. छात्र, कोटा के महावीर नगर इलाके में एक आवासीय मकान में किराए पर रहता था.
बता दें कि हर साल देशभर से बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोटा आते हैं.
गौरतलब है कि kota में मेडिकल-इंजीनियरिंग सहित कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में देश भर से दो लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं आते हैं. एक कोचिंग की सालाना फीस 2 से 3 लाख रुपए है. इसके अलावा कमरा, पीजी आदि सब कुछ भी महंगा है. ऊपर से इतनी भीड़ और पढ़ाई का तनाव है.