Adani को लाभ पहुंचाने उजाड़ा जा रहा Hasdeo, 7 जनवरी को निकाली जाएगी नागरिक प्रतिरोध मार्च

महेन्द्र कुमार साहू/रायपुर। Hasdeo अरण्य के जंगलों को काटे जाने की राजनीतिक षड़यंत्र में दोनों ही पार्टियां बराबर की भागिदारी है। 21 दिसंबर से अब तक 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं। वहीं अभी और लाखों पेड़ों की कटने की खबरें निकलकर सामने आ रही है। हसदेव छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा वन क्षेत्र है। इसके इस तरह कट जाने से जलवायु पर बूरा असर पड़ना तय है। छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य के समृद्ध जंगल के विनाश और आदिवासियों के दमन के खिलाफ लगातार हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति प्रर्दशन कर रही है।

Hasdeo अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के आलोक शुक्ला ने ट्वीट करते हुये जानकारी दी है। आगामी 7 जनवरी को नागरिक प्रतिरोध मार्च के तहत प्रदेश के अलग-अलग जगहों से बड़ी संख्या में लोग हसदेव पहुंचकर आंदोलन को समर्थन देंगे। हसदेव की लड़ाई अब जंगलों से निकलकर पूरे प्रदेश में फैलते जा रही है।

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आलोक शुक्ला ने मीडिया से चर्चा करते हुये कहा है कि सरकार आने वाले दिनों में 8 लाख पेड़ों को काटने जा रही है। हसदेव के इस तरह बेतरतीब कटाई से प्रदेश का असतित्व संकट में आ जाएगा। यहां का आदिवासी जो जंगलों पर आश्रित है। जंगल के कट जाने से उनके आश्रय स्थल के खत्म हो जाने से कहां जाएंगे। हसदेव का काटा जाना पूरा आदिवासी समाज पर प्राणघातक हमला है।

प्रदेश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र जो आज हाथी सहित सैकड़ों वन्य प्राणियों का आश्रय स्थल है। ये सब एक जिद्दी व्यक्ति Adani को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। इससे देश को किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं होने वाला है। प्रदेश की प्राकृतिक संपदा को लूटने का काम किया है। सीधे शब्दों में कहें तो यहां के भोले-भाले लोगों को छला जा रहा है।

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