Earthquake : 48 मिनट में ख़त्म हुआ सब कुछ, देखते ही देखते 8000 लोगों की मौत
Earthquake : नेपाल में एक बार फिर फिर भूकंप की वजह से भारी तबाही मची है और अब तक 129 लोगों की मौत हो चुकी है. 48 मिनट के भीतकर वहां भूकंप के चार तीव्र झटकों ने नेपाल को एक बार फिर बर्बादी की राह पर धकेल दिया. सड़कों में दरारे आ गईं और कई मकान जमींदोज हो गए. ज्यादातर लोग उस वक्त सोये हुए थे इसलिए जान माल की ज्यादा क्षति हुई. लोगों को नेपाल में साल 2015 में आए भीषण भूकंप की याद आ गई.
दरअसल शुक्रवार की रात नेपाल में 11:47 मिनट 12:08, 12:29 और 12:35 मिनट पर 6.4, 4.8, 4.2 और 4.3 (क्रमश:) तीव्रता के 4 भूकंप आए. भूकंप से हुए नकुसान का जायजा लेने के लिए जाजरकोट इलाके में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल मेडिकल टीम के साथ इलाके में जा रहे हैं.
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Earthquake : इसको लेकर प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविंद आचार्य ने बताया कि दवाओं और हेलीकॉप्टर के साथ एक स्वास्थ्य टीम को तैयार किया गया है लेकिन मौसम खराब होने की वजह से उस क्षेत्र में जाने में कुछ देरी हुई है. नेपाल में आए इस विनाशकारी भूकंप का केंद्र जाजरकोट के रमीडांडा में था इसलिए इस इलाके में ही सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
अब तक 120 से ज्यादा मौत
Earthquake : नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र के अनुसार, भूकंप रात में पहली बार 11:47 बजे आया था, जिसका केंद्र जाजरकोट जिले में था. शनिवार सुबह 3 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार भूकंप के चार झटकों से जाजरकोट और पश्चिमी रुकुम में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. सिर्फ जाजरकोट में 92 लोगों की मौत हुई है. रूकुम में 37 लोगों की जान गई है.
भूकंप के तीव्र झटके आने के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इलाके में कई घर अचानक ढह गए और सड़कों में दरार आ गई. भूकंप के झटकों को भारत की राजधानी दिल्ली तक में महसूस किया गया.
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नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 थी, लेकिन जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने बाद में तीव्रता 5.7 बताया है जबकि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने इसकी तीव्रता 5.6 आंकी है.
2015 में 8 हजार लोगों की हुई थी मौत
Earthquake : बता दें कि नेपाल में इसस पहले साल 2015 में भीषण जलजला आया था और 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. उस वक्त नेपाल में 7.8 और 8.1 तीव्रता का भूकंप आया था. नेपाल में 25 अप्रैल 2015 की सुबह स्थानीय समय के मुताबिक 11 बजकर 56 मिनट पर भूकंप आया था.
इस भूकंप का अधिकेंद्र लामजुंग था जो नेपाल से 38 किलोमीटर दूर था. भूकंप में कई महत्त्वपूर्ण प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर और अन्य इमारतें भी तबाह हो गई थीं. सन् 1934 के बाद पहली बार नेपाल में इतना प्रचंड तीव्रता वाला भूकंप आया था जिसमें 8000 लोग काल के गाल में समा गए थे.