Suicide Plant : अगर कहीं भी दिख जाए ये पौधा, तो देखते ही हो जाये 10 मील दूर, नहीं तो सुसाइड करने पर हो जाएंगे मजबूर, जाने कैसे…

Suicide Plant : धरती पर कई अनोखे और रहस्यमयी पेड़-पौधे पाए जाते हैं। हरियाली के लिए लोग पेड़-पौधों को लगाते हैं। ये पौधे पर्यावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। मानव जीवन का अस्तित्व भी इन्हीं की वजह से है। वहीं इस दुनिया में कई बेहद जहरीले और खतरनाक पौधे भी पाए जाते हैं, जो किसी की भी पलभर में जान ले सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही बेहद खतरनाक और जहरीले पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं।

दुनिया के सबसे जहरीले पौधे का नाम जिम्पई-जिम्पई है। यह जहरीला पौधा देखने में बिल्कुल सामान्य है। इसको छूने से किसी गर्म एसिड से जलने और बिजली के झटके का अहसास होता है। बताया जाता है कि इसका डंक इतना भयानक दर्द देता है कि इंसान तड़प-तड़प कर खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो जाता है। इसकी वजह से इस पौधे को सुसाइड प्लांट (Suicide Plant) कहा जाता है।

Suicide Plant
Suicide Plant

वैज्ञानिक मरिना हर्ले ने इस पौधे के बारे में विस्तार से बताया है। एक बार वह ऑस्ट्रेलियाई वर्षावनों पर रिसर्च कर रही थीं। वह जानती थीं कि जगलों में कई खतरनाक पेड़ पौधे भी हो सकते हैं। इनसे बचाव के लिए उन्होंने हाथों में वेल्डिंग ग्लव्स और बॉडी सूट पहन रखा था। रिसर्च के दौरान वह एक नए पौधे के संपर्क में आईं। वेल्डिंग ग्लव्स के साथ भी इस पौधे की स्टडी करना उनको भारी पड़ गया।

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Suicide Plant : उनका कहना है कि इस पौधे को छूने के बाद एसिड और बिजली का झटका लगने का अहसास हुआ जिसके बाद वह अस्पताल पहुंची। तब तक उनका पूरा शरीर लाल हो चुका था और वह जलन से चीख रही थीं। जिम्पई-जिम्पई के असर को कम करने के लिए उनको लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ा और स्टेरॉयड का सेवन करना पड़ा। उन्होंने डिस्कवरी को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें बताया कि बिजली का झटका और शरीर पर एसिड डालने जैसा दर्द था।

जिम्पई-जिम्पई को दुनिया का सबसे जहरीले डंक वाला पौधा माना जाता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि दूसरे विश्व युद्ध के समय कई सेना के अधिकारी इस पौधे का शिकार हुए। इसके साथ ही कई ने दर्द से तड़पकर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बाकी जिंदा बचे लोग कई सालों तक दर्द से परेशान रहे। इसके बाद लोगों का इस पर ध्यान गया और इसको सुसाइड प्लांट का नाम दिया गया।

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इस पौधे का बायोलॉजिकल नाम डेंड्रोक्नाइड मोरोइड्स है। यह ऑस्ट्रेलिया के उत्तर-पूर्वी रेनफॉरेस्ट में पाया जाता है। इसका कॉमन नेम जिम्पई-जिम्पई है। हालांकि इस पौधे को कई नामों से भी जाना जाता है। सुसाइड प्लांट, जिम्पई स्टिंगर, स्टिंगिंग ब्रश और मूनलाइटर जैसे नामों से लोग इसे जानते हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ ही मोलक्कस और इंडोनेशिया में यह पौधा पाया जाता है।

यह पौधा 3 से 15 फीट तक ऊंचा और कांटों से भरा होता है जिसमें न्यूरोटॉक्सिन जहर होता है। इसके कांटों के माध्यम से जहर शरीर के अंदर चला जाता है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिन की तरह होता है जिसका सीधा असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। इसकी वजह से इंसान की मौत भी हो सकती है। कांटा चुभने के बाद 30 मिनट में दर्द तेजी से बढ़ने लगता है। जल्दी इलाज मिलने पर दर्द कम होता है।

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