Save Hasdeo : धिक्कार है… धिक्कार है… उन नेताओं को जिन्होंने अडानी के चौखट बेच दिया अपना जमीर है…

महेन्द्र कुमार साहू/ Save Hasdeo : धिक्कार है… धिक्कार है… उन नेताओं को धिक्कार है… जिन्होंने अडानी के चौखट बेच दिया अपना जमीर है। लोगों की सांसे गिरवी रखकर, खुद हसदेव का शुभचिंतक बन बैठे हैं।
जंगल में रहने वाले लाखों जीव जंतु तीतर-बीतर होने को मजबूर हुये। इतिहास गवाह है अक्सर पर्ण-कुटीर में रहने वाले सोने के महलों में रहने वालों के दमन के शिकार हुये हैं। लेकिन जब-जब वनवासी ने सोने के महलों के विरुद्ध आवाज बुलंद किया है। सब सुखों पत्तों की तरह ढेर हो गये हैं।
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अय सोने के महलों में रहने वाले, काले हीरे का ख्वाब देखने वाले, सत्ता सरकार को अपनी जेब में रखने वाले, बस कर…बस कर..कहीं फिर पर्ण कुटीर में रहने वालों ने तुम्हारी लालच से विद्रोह कर थाम लिया, शिव का धनुष तो , धरती तो क्या, किसी लोक-परलोक में जगह नहीं मिल पाएगी।
Save Hasdeo : जो Hasdeo, लाखों जीव-जन्तुओं का आश्रय है, असंख्य वनौषधियों और एक समुदाय विशेष की संस्कृति है। उसे उजाड़कर अपने सोने के महलों को और बड़ा…और बड़ा तू अवश्य कर सकता है। लेकिन इस समाज में जहां तेरे सोने के महल खड़े रहेंगे। उसी समाज का तू दुश्मन न बन बैठा होगा। इसलिए बस कर…बस कर…।