filariasis रोधी दवाएं अवश्य खाएं, 7 जिलों में शुरू हुआ सामूहिक दवा सेवन

रायपुर। filariasis : स्वास्थ्य मंत्री भारत सरकार डॉ.मनसुख मांडविया द्वारा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के वर्चुअल उद्घाटन के अवसर पर आज उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ सरकार , टीएस सिंह देव ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम सह राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का वर्चुअल शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ सरकार फाइलेरिया रोग के सम्पूर्ण उन्मूलन के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य के फलस्वरूप आज से राज्य के फाइलेरिया प्रभावित सात जिलों यथा- दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, जांजगीर-चाम्पा, सक्ती, महासमुंद व मुंगेली में सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) एवं कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को भारत सरकार के दिशा-निदेर्शों के अनुसार प्रारंभ किया है।

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उपमुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन भाषण में कहा कि इस सामूहिक दवा सेवन अभियान के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा लिम्फैटिक फाइलेरियासिस या हाथीपांव के उन्मूलन हेतु फाइलेरिया रोधी दवायें खिलाई जाएंगी। ये दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इन्हें खाली पेट नहीं खाना है। उन्होंने लोगों से अपील की, कि फाइलेरिया जैसे गंभीर रोग से स्वयं को और अपने परिजनों को सुरक्षित रखने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं अवश्य खाएं और राज्य से इस रोग के पूर्णतया उन्मूलन के लिए अपना पूर्ण सहयोग दें।

मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, भोसकर विलास संदीपन ने कहा कि इस कार्यक्रम को पूरी तरह सफल बनाने के लिए राज्य स्तर से ग्राम स्तर में अंतिम छोर की आबादी तक मानव संसाधन, फाइलेरिया रोधी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही, इस कार्यक्रम की प्रतिदिन मोनिटरिंग की जायेगी और कार्यक्रम दौरान आने वाली किसी भी प्रकार की समस्याओं का समाधान किया जायेगा।

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इस अवसर पर संचालक, महामारी नियंत्रण, संचालनालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा बूथ के माध्यम से और घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी एवं किसी भी स्थिति में, दवा का वितरण नहीं किया जायेगा । उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए और फाइलेरिया के पूर्ण उन्मूलन के लिए हम सब यह प्रयास करें कि इस बार शत-प्रतिशत लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएँ । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, हाइड्रोसील मुक्त राज्य के लिए प्रतिबद्ध है और इसीलिए, राज्य में चिन्हित हाइड्रोसील के सभी रोगियों के आॅपरेशन हेतु नियोजित तरीके से कार्य किया जा रहा है।

राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. जगन्नाथ राव ने बताया कि सामूहिक दवा सेवन (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) एवं कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम में पहले चार दिन , लाभार्थियों को बूथ पर फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएँगी और उसके बाद घर-घर जाकर दवाएं खिलाई जायेंगी । उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में सभी वर्गों के लाभार्थियों को फाइलेरिया से सुरक्षित रखने के लिए डीईसी एवं अल्बंडाजोल की निर्धारित खुराक, स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा घर-घर जाकर, अपने सामने मुफ्त खिलाई जाएगी। इन दवाओं का सेवन खाली पेट बिलकुल नहीं करना है। 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं नहीं खिलाई जाएगी।

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फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल भी खिलाई जाती है जो बच्चों में होने वाली कृमि रोग का उपचार करता है जो सीधे तौर पर बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक विकास में सहायक होता है। डॉ. राव ने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और रक्तचाप, शुगर, अर्थरायीटिस या अन्य सामान्य रोगों से ग्रसित व्यक्तियों को भी ये दवाएं खानी हैं । सामान्य लोगों को इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव नहीं होते हैं और अगर किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के कृमि मौजूद हैं, दवा खाने के बाद से ऐसे लक्षण उत्पन्न होते हैं । सामान्यत: ये लक्षण स्वत: समाप्त हो जाते है परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात है और उन्हे तुरंत उपचार के लिए तुरंत बुलाया जा सकता है।

राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ वी आर भगत ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में मितानिन का विशेष योगदान है क्योंकि लक्षित लाभार्थियों तक पहुँच कर उन्हें चिन्हित करना ताकि, अभियान के दौरान इन लाभार्थियों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जा सकें, एक महत्वपूर्ण कार्य है । हाइड्रोसील मुक्त राज्य की प्रतिबद्धता के बारे में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य के इस अभियान में हर तरह से साथ रहेगी। इस अवसर पर सम्बंधित कार्यक्रमों के राज्य सलाहकार व अन्य सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे ।

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