Price Hike : रुलाने जा रही प्याज, 60-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने जा रही कीमत
Price Hike : अभी टमाटर सीने पर मूंग दर ही रहा है कि एक बुरी खबर प्याज को लेकर आ रही है। अगले महीने से प्याज फिर रुलाने वाला है। सप्लाई कम होने के कारण प्याज की कीमत इस महीने के अंत में बढ़ने की आशंका है।सितंबर तक प्याज दो से ढाई गुना बढ़कर लगभग 60-70 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को देश में एक किलो प्याज का औसत भाव 27 रुपये किलो था। प्याज का अधिकतम भाव 60 और न्यूनतम रेट 10 रुपये किलो था। सबसे महंगा टमाटर 257 रुपये किलो था और सबसे सस्ता 40 रुपये। देश में टमाटर का औसत भाव 140 रुपये और मॉडल रेट 120 रुपये है।
Read More : Tomato Price : टमाटर पंहुचा 250 के पार, शासन-प्रशासन कमीशनखोरी को दे रहे बढ़ावा
Price Hike : क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स की रिपोर्ट में यह कहा गया कि अक्टूबर से खरीफ की आवक शुरू होने पर प्याज की सप्लाई बेहतर होगी, जिससे कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है। रिपोर्ट में लिखा है, ”मांग-सप्लाई में असंतुलन का असर अगस्त के अंत में प्याज की कीमतों पर दिखने की आशंका है। जमीनी स्तर पर बातचीत से जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार खुदरा बाजार में सितंबर की शुरुआत से कीमतों में अच्छी-खासी वृद्धि होने की आशंका है और यह 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। हालांकि, कीमत 2020 के उच्चतम स्तर से नीचे रहेगी।”
Read More : Tomato Price:50 रु में 4 टमाटर देख महिला हुई आगबबूला ,कर दी पिटाई
Price Hike : रिपोर्ट में कहा गया है कि रबी प्याज के भंडारण और उपयोग की अवधि एक-दो महीने कम होने और इस साल फरवरी-मार्च में घबराहट के कारण बिकवाली से, खुले बाजार में रबी स्टॉक में सितंबर के बजाय अगस्त के अंत तक काफी गिरावट आने की आशंका है। इससे प्याज की खपत में बढ़ोतरी होगी…।” रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर से खरीफ की आवक शुरू होने पर प्याज की सप्लाई बेहतर होगी, जिससे कीमतों में नरमी आने की उम्मीद है।
Read More : CG NEWS : 93 प्रतिशत सड़के सैंपल जांच में अमानक, केवल 6 महीने में 3219 मौते
Price Hike : इसमें कहा गया है कि त्योहारी महीनों (अक्टूबर-दिसंबर) में कीमतों में उतार-चढ़ाव दूर होने की उम्मीद है।इस साल जनवरी-मई के दौरान प्याज की कीमतों में गिरावट से उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली। हालांकि, इससे प्याज किसान खरीफ मौसम में बुवाई के लिए हतोत्साहित हुए। रिपोर्ट में कहा गया है, ”इसको देखते हुए, हमारा मानना है कि इस साल रकबा आठ फीसद घटेगा और प्याज का खरीफ उत्पादन सालाना आधार पर पांच फीसद कम होगा। वार्षिक उत्पादन 2.9 करोड़ टन होने की उम्मीद है। यह पिछले पांच साल (2018-22) के औसत उत्पादन से सात फीसद अधिक है।”इसलिए, कम खरीफ और रबी उत्पादन के बावजूद इस वर्ष सप्लाई में बड़ी कमी की संभावना नहीं है। हालांकि, अगस्त और सितंबर में बारिश प्याज की फसल और उसके विकास को निर्धारित करेगी।