Big Breaking : मंत्री के घर से मिला नोटों का पहाड़,ईडी की टीम ने किया गिरफ्तार
Big Breaking : झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। देर रात तक चली रेड में इनके ठिकानों से कुल 35 करोड़ 23 लाख रुपये बरामद किए गए हैं। इतनी बड़ी रकम की बरामदगी के बाद अब मंत्री आलमगीर आलम में भी मुश्किल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, अब ईडी इस पूरे मामले में झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर आलम से इस रकम का हिसाब पूछने की तैयारी कर रही है। उन्हें जल्द ही समन जारी किया जा सकता है।
नौकर पैसों का केयरटेकर था
Big Breaking : ईडी ने सोमवार को आलमगीर आलम के पीएस के नौकर और उनके अन्य करीबियों के ठिकानों पर छापमेरी की थी। नौकर जहांगीर आलम ने प्रारंभिक पूछताछ में कबूल किया है कि वह कमीशन और रिश्वत से जुटाई रकम का केयरटेकर था, जिसके एवज में उसे महीने के करीब 15 हजार रुपये मिलते थे। जानकारी के मुताबिक, जहांगीर को मंत्री आलमगीर ने ही अपने पीएस संजीव कुमार लाल के यहां नौकरी पर रखवाया था। मंत्री के पीएस संजीव लाल ने उसके लिए अपार्टमेंट में फ्लैट लिया था।
Read More:Big News : मदिरा प्रेमियों के लिए एक बड़ी खबर,दो दिन नहीं मिलेगी शराब
अलमारियों में भरता था पैसे
Big Breaking : अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, संजीव लाल हर एक-दो दिन में उसे रुपयों का बैग या थैला देते थे, जिसे वह फ्लैट की अलमारियों में भरता था। ईडी अधिकारियों ने 10 लाख और एक अन्य सहयोगी के ठिकाने से 2 करोड़ 93 लाख रुपये जब्त किए हैं। मंत्री के पीएस संजीव कुमार लाल ने इस बात से साफ इनकार कर दिया था कि नौकर जहांगीर के फ्लैट से मिली रकम उनकी है। हालांकि, सबूत और जहांगीर के बयान के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
Read More:Big News : अब विवाह में पड़ोसी को देनी होगी गवाही,जाने क्यों बनाया गया ऐसा नियम
बार-बार बेहोश होने लगे पीएस
Big Breaking : रिपोर्ट्स की मानें तो ईडी ने जब पीएस संजीव लाल से पूछताछ की तो वह बार-बार बेहोश होने लगे। ईडी ने कई कागजात जब्त किए हैं जिसमें ट्रांसफर-पोस्टिंग से जुड़े ब्योरे हैं। इसके अलावा ईडी ने झारखंड के मुख्य सचिव को ग्रामीण विकास विभाग में गड़बड़ियों को लेकर एफआईआर दर्ज करने के लिए लिखा गया एक पत्र भी मिला है। माना जा रहा है कि ईडी की चिट्ठी पर कार्रवाई करने के बजाय उसे लीक कर विभाग के अफसरों तक पहुंचा दिया था।