SSC Scam : 50 करोड़ कैश, 5 करोड़ का सोना, ट्रकों में भर-भर ले जाये गये नोट, जानें क्या है पूरा मामला
कोलकाता: SSC Scam : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में छापेमारी की। उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी की एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के परिसरों पर छापेमारी में 20 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। इस धन के एसएससी घोटाले से जुड़े होने का संदेह है। नोट गिनने वाली मशीन की मदद ली गई। 20 से अधिक मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। शिक्षा राज्य मंत्री परेश सी अधिकारी, विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य के परिसरों पर भी छापा मारा गया। नोट बरामदगी की जो तस्वीरें सामने आईं उन्हें देखकर आप हैरान हो जाएंगे। नोटो के पहाड़ जैसे करोड़ रुपये पड़े देख हर कोई दंग रह गया।
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खड़गपुर कैंप के सीआरपीएफ कर्मियों के साथ ईडी के 80-90 अधिकारियों की टीमों ने 14 ठिकानों पर एकसाथ रेड की। शाम तक करोड़ो रुपयों की बरामदगी की तस्वीरें सामने आने लगीं। चटर्जी और परेश सी अधिकारी के अलावा विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य के परिसरों पर भी छापा मारा गया।।
11 घंटे की छापेमारी के बाद बरामदगी
अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट पर 11 घंटे की छापेमारी के बाद दो बैग बरामद किए। इस बैग में रुपये ठूंसठूंसकर भरे थे। ईडी ने गिनने के लिए बैग से रुपये पलटे तो सारे 2000 और 5000 रुपये के नोटों की गड्डियां थीं, इतना ही नहीं ये नोट एकदम नए और करारे थे। पहले राज्य के वाणिज्य और उद्योग मंत्री चटर्जी से पूछताछ की गई और उनके दक्षिण कोलकाता स्थित घर की तलाशी ली गई। वर्तमान शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी के परिसर की भी तलाशी ली गई।
मशीनें लेकर पहुंचे बैंक अधिकारी
कोलकाता हाई कोर्ट ने हाल ही में सीबीआई को ग्रुप सी और डी की भर्ती में घोटाले की जांच करने का निर्देश दिए जाने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। इसी जांच के तहत शुक्रवार को यह छापेमारी की गई। नोटों की बरामदगी के बाद ईडी ने बैंक के अधिकारियों को करेंसी नोटों की गिनती और सटीक राशि का निर्धारण करने के लिए बुलाया। ईडी ने कहा कि छापेमारी में कई अहम दस्तावेज, रेकॉर्ड, संदिग्ध कंपनियों का विवरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद हुआ है।
पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि यह बरामदगी सरकारी स्कूलों में नियुक्ति घोटाले और कथित मनी-लॉन्ड्रिंग पर प्रकाश डाल सकते हैं। ईडी के सूत्रों के अनुसार, मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी का आवास शुरू में छापेमारी करने की कोई तैयारी नहीं थी। जांचकर्ताओं ने बाद में उस पर छापा मारने का फैसला किया, जब उसकी टीम ने मुखर्जी के नाम और पते वाले दस्तावेजों को बरामद किया। जांचकर्ताओं ने बताया कि मुखर्जी नकटला में उदयन संघ दुर्गोत्सव की ब्रांड एंबेसडर थीं और चटर्जी के संरक्षण में थी।