‘Ramkatha Yatra’ स्पेशल ट्रेन शुरू, 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन कराएगी यह ट्रेन
‘Ramkatha Yatra’ : जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। आध्यात्मिक गुरु व प्रख्यात रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू ने रविवार को योगनगरी ऋषिकेश से द्वादश ज्योतिर्लिंग ‘Ramkatha Yatra’ स्पेशल ट्रेन शुरू की। भगवान शिव के पवित्र श्रावण मास के अधिकमास में आयोजित यह अद्वितीय यात्रा देश के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों तक जाएगी। इस कथा यात्रा में दो रेल गाड़ियां कैलाश व चित्रकूट शामिल हैं।
‘Ramkatha Yatra’यह ट्रेन 1008 यात्रियों के साथ 12 हजार किमी का सफर तय करते हुए ज्योतिर्लिंगों के अलावा जगन्नाथ पुरी व द्वारका पुरी और तिरुपति बालाजी धाम को भी जोड़ेगी। रामकथा वाचक मोरारी बापू ने कहा कि यह आध्यात्मिक यात्रा भारत को जोड़ने की यात्रा है। रविवार को योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन से द्वादश ज्योतिर्लिंग ‘रामकथा यात्रा’ स्पेशल ट्रेन को प्रख्यात कथावाचक मोरारी बापू, कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, महापौर अनीता ममगाईं व रेल प्रबंधक मुरादाबाद मंडल राजकुमार ने हरी झंडी दिखकर रवाना किया।
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‘Ramkatha Yatra’ट्रेन यात्रा शुरू होने से पहले शनिवार को द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक केदारनाथ धाम में भीमशिला प्रांगण में मोरारी बापू ने पहले दिन की कथा की। बापू ने इस कथा को मानस-900 का नाम दिया है। शैव व वैष्णवों के बीच समन्वय की इस अनूठी यात्रा में केदारनाथ धाम से शुरू हुआ कथा व संवाद का यह सिलसिला अब हर ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में जारी रहेगा। 18 दिनों तक चलने वाली यह कथा यात्रा आठ राज्यों से गुजरते हुए आठ अगस्त को मोरारी बापू के गांव तलगाजरड़ा में संपन्न होगी।
‘Ramkatha Yatra’रविवार को यात्रा शुरू करने से पूर्व कथावाचक मोरारी बापू ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि ज्योतिर्लिंग राम कथा यात्रा के माध्यम से, हम भारत के अलग-अलग धर्म-संप्रदायों को एकजुट करने और सनातन धर्म की सामूहिक समझ को प्रोत्साहित करने का प्रयास करेंगे। कहा कि इस यात्रा में पूरे भारत के लगभग सभी प्रांतों के लोग एक परिवार के रूप में शामिल हो रहे हैं। यह यात्रा वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देगी, जो हमेशा भारत की भावना रही है। यह यात्रा निश्चित रूप से एक नया संदेश देने का काम करेगी।
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‘Ramkatha Yatra’उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह यात्रा भक्तों के लिए एक अद्वितीय अवसर प्रदान करेगी। जहां वे भारत के पवित्र भूमि की दिव्यता का अनुभव कर सकेंगे। महापौर अनिता ममगाईं ने कहा कि इस यात्रा की शुरुआत उत्तराखंड के लिए गर्व का पल है। यह तीर्थयात्रा हमारे आध्यात्मिक भावों को हमारे अंतस की और गहराई में ले जाएगी, साथ ही उत्तराखंड को एक सुंदर पर्यटन राज्य के रूप में बढ़ावा देने में भी सहायक सिद्ध होगी।
कैलाश व चित्रकूट ट्रेनों को दिया गया है विशेष रूप
‘Ramkatha Yatra’इन आध्यात्मिक यात्रा में दो ट्रेनों को को शामिल किया गया है। जिन्हें कैलाश व चित्रकूट नाम दिया गया है। इन ट्रेनों को दूर से ही पहचाना जा सकता है। ट्रेन कोचों की बाहरी सतह विनायल स्टीकर से सजाई गई है। जिनमें 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर, सनातन धर्म के प्रमुख धाम जगन्नाथपुरी, द्वारिका, तिरुपति बालाजी मंदिर और मोरारी बापू के गांव के दृश्य अंकित हैं।
‘Ramkatha Yatra’इस कार्यक्रम को मोरारी बापू के अनुयायी व राम कथा श्रोता इंदौर निवासी रूपेश व्यास के आदेश ट्रस्ट की ओर से भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) के सहयोग से तैयार कराया गया है। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ में आयोजित यह यात्रा देश के अनेक राज्यों की संस्कृतियों को भी जोड़ रही है, इसलिए इस यात्रा को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान का हिस्सा भी बनाया गया है। – दुर्गा नौटियाल