Kotak Mahindra और आरबीएल बैंक के अधिकारी सहित 8 गिरफ्तार, क्रेडिट कार्ड के नाम पर ठगी
फरीदाबाद। Kotak Mahindra : साइबर थाना एनआईटी प्रभारी नवीन कुमार व उनकी टीम ने क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में कोटक महिंद्रा बैंक और आरबीएल बैंक के अधिकारी भी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक, तुषार उर्फ गोल्डी, अक्षय, विनय उर्फ जॉनी, रूपक, मनीष, कुनाल तथा रवीश शामिल हैं। आरोपी रविश नोएडा तथा बाकी सभी आरोपी दिल्ली में रह रहे थे।
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ऐसे लेते हैं झांसे में
Kotak Mahindra : पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आज के आधुनिक युग में ज्यादातर लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, परंतु जागरूकता ना होने के कारण वह साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं। साइबर अपराधी क्रेडिट कार्ड बनवाने के नाम पर लोगों को फोन करते हैं और उनसे पूछते हैं कि क्या वह कोई क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल कर रहे हैं। सामने से व्यक्ति बताता है कि वह किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड पहले से उपयोग कर रहा है। इसके बाद साइबर अपराधी उसे आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का क्रेडिट कार्ड बिना कोई शुल्क या फीस के बनवाने तथा उस पर लाखों रुपए की लिमिट देने की बात करते हैं। साइबर अपराधियों की लुभावनी बातों को सुनकर व्यक्ति उनके झांसे में आ जाता है और वह क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए तैयार हो जाता है।
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यहां से शुरू होता है खेल
साइबर अपराधी उस व्यक्ति को एक ऐप (apk file) भेजते हैं। उस ऐप को खोलने पर उसके ऊपर आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का लोगो दिखाई देता है, जिससे उस व्यक्ति को विश्वास हो जाता है कि यह असली बैंक की ऐप है, जबकि वह ऐप फर्जी होती है। इसके पश्चात साइबर अपराधी उसे पहले से उपयोग कर रहे क्रेडिट कार्ड से 10 रुपये इस ऐप के माध्यम से भेजने के लिए कहते हैं। जब वह व्यक्ति पैसे भेजने के लिए अपने क्रेडिट कार्ड का नंबर व अन्य डिटेल डालता है तो सारी जानकारी साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाती है और वह क्रेडिट कार्ड में बची हुई सारी लिमिट अपने खाते में ट्रांसफर करवा लेते हैं। साइबर अपराधियों ने फरीदाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति के साथ इसी प्रकार झांसा देकर 53,040 रुपए की धोखाधड़ी की थी, जिसकी शिकायत थाने में देने के बाद आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की गई।
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नोएडा से भी जुड़े हैं गिरोह के तार
थाना प्रभारी के नेतृत्व में साइबर टीम गठित की गई, जिसमें उपनिरीक्षक अर्जुन सिंह, एएसआई भूपेंद्र, मुख्य सिपाही नरवीर, सिपाही युद्धवीर, अंशुल तथा अमित थे। टीम ने तकनीक के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपियों को दिल्ली, नोएडा व बिहार से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, 4 सिम कार्ड, कोटक महिंद्रा बैंक के 2 डेबिट कार्ड तथा 44,000 रुपये की नकदी बरामद की गई। आरोपियों को अदालत में पेश करके पुलिस रिमांड पर लिया गया। पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपी अक्षय इस गैंग का मुखिया है, जो दिल्ली में अपना कॉल सेंटर चलाता है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में रवीश कोटक महिंद्रा बैंक में असिस्टेंट मैनेजर तथा कुनाल आरबीएल बैंक में नौकरी करता है। दोनों आरोपी अपने साथियों को बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाने का काम करते हैं, जिसमें साइबर ठग धोखाधड़ी का पैसा प्राप्त करते हैं। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया है।