रोते बिलखते Government Hospital के बाहर हुआ डिलीवरी, तीन के खिलाफ अपराध दर्ज
खरगोन। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के भगवानपुरा क्षेत्र के वन ग्राम सिरवेल में एक आदिवासी महिला की Government Hospital के चबूतरे पर डिलीवरी होने के मामले में जिला कलेक्टर ने चिकित्सक समेत 3 कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की है।
जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने बताया कि वन ग्राम सिरवेल के शासकीय अस्पताल के चबूतरे पर आदिवासी महिला के प्रसव के मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर नर्सिंग आॅफिसर कविता अलावे को निलंबित कर दिया गया है और संविदा एएनएम मोनिका वास्कले की सेवा समाप्ति का प्रस्ताव राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि वहां पदस्थ डॉ संदीप मंडलोई के बिना अनुमति अस्पताल से अनुपस्थित रहने पर उनके विरुद्ध कार्यवाही हेतु कमिश्नर स्वास्थ्य विभाग को पत्र प्रेषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि नर्सिंग आॅफिसर कविता अलावे ने वहां उपस्थित रहने के बावजूद महिला के प्रसव में सहायता नहीं की थी।
खरगोन के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम एस सिसोदिया ने बताया कि सिरवेल स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र में लाए जाने पर अनिता को हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया था और स्टाफ द्वारा यह बताया गया है कि 108 एंबुलेंस को मोबाइल नेटवर्क की दिक्कत होने के बावजूद सूचना दी गई थी। इस मामले में भी जांच की जा रही है कि एंबुलेंस वहां क्यों नहीं पहुंची।
उधर, भगवानपुरा के ब्लॉक मेडिकल आॅफिसर डॉक्टर दिलीप वर्मा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती अनिता व उसकी बालिका शिशु पूरी तरह से स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि कल समस्त जांच के बाद संतुष्ट होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सिसोदिया ने बताया कि 27 जुलाई को गोटिया निवासी अनिता को प्रसव वेदना के चलते 15 किलोमीटर दूर सिरवेल स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र लाया गया था।
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एंबुलेंस का इंतजार करने के दौरान पांच बज जाने पर संविदा एएनएम मोनिका वास्कले उन्हें अस्पताल से बाहर कर घर चले गई थी और वहां उपस्थित नर्सिंग आॅफिसर कविता अलावे ने अस्पताल का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया था। इसी दौरान अस्पताल के चबूतरे पर ही अनिता ने परिजनों की सहायता से बालिका शिशु को जन्म दिया था लेकिन वहां उपस्थित कविता अलावे में उनकी कोई मदद नहीं की थी।