CG NEWS : महिलाओं से छेड़छाड़ और दुष्कर्म के आरोपियों को नहीं मिलेंगे शासकीय नौकरी, घोषणाओं की लगी झड़ी

रायपुर। CG NEWS : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज भारत की आजादी की 76वीं वर्षगांठ के पावन और गौरवशाली अवसर पर राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण करने के बाद प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दिए अपने संबोधन में साहित्यिक वातावरण को सुदृढ़ करने तीन श्रेणियों में छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान देने की घोषणा की। इनमें पहली श्रेणी अंतर्गत छत्तीसगढ़ी तथा अन्य बोली जैसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया में लिखे गए साहित्य के लिए, दूसरी श्रेणी के अंतर्गत हिंदी पद्य के लिए तथा तृतीय श्रेणी के अंतर्गत हिंदी गद्य के लिए हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकारों को पांच लाख रूपए नगद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने बालिकाओं से छेड़छाड़, दुष्कर्म आदि के आरोपियों को शासकीय नौकरियों में प्रतिबंधित करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में लंबी कूद, 100 मीटर दौड़ एवं कुश्ती के खेल में 18 से 40 वर्ष की आयु वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को उत्कृष्ट खिलाड़ी घोषित करने की घोषणा की, यह प्रावधान इसी सत्र से लागू होगा। रेशम कीट पालन एवं मधुमक्खी पालन को भी कृषि का दर्जा देने की घोषणा की।

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कुक्कुट पालन को प्रोत्साहित करने ‘कुक्कुट पालन प्रोत्साहन योजना’ आरंभ हुई। इसमें कुक्कुट पालकों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध होगी। दूरस्थ क्षेत्रों के शासकीय शालाओं के 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग एवं मेडिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग हेतु देश की ख्याति प्राप्त संस्थाओं द्वारा सभी विकासखण्ड मुख्यालयों में आॅनलाईन कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। सभी जिलों में कम से कम एक कॉलेज में पोस्ट-ग्रेजुएट कक्षाओं में अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इस क्रम में शासकीय लोचन प्रसाद पाण्डेय महाविद्यालय सारंगढ़, डॉ. भंवर सिंह पोर्ते महाविद्यालय पेण्ड्रा, क्रांतिकुमार भारती महाविद्यालय सक्ती, एल.सी.एस महाविद्यालय अंबागढ़ चौकी को स्नातकोत्तर महाविद्यालय का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की। यहां अतिशीघ्र आवश्यक नवीन विषय एवं पद संरचना उपलब्ध कराई जाएगी।

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अगले शिक्षा सत्र से स्कूली बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग तथा इंटरनेट आॅफ थिंग्स जैसी तकनीकी जानकारी पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर से कॉलेज आने-जाने के लिए बस की नि:शुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। अगले सत्र से छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों के स्थानीय बोली को कक्षा पहली से कक्षा पांचवीं तक पाठ्यक्रम के एक विषय के रूप में सम्मिलित किया जाएगा। शहरी स्वच्छता दीदी और सामुदायिक संगठकों के मानदेय में 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की घोषणा भी की। निर्माण श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना अंतर्गत 60 वर्ष पूरी करने वाले तथा 10 साल तक पंजीकृत रहे श्रमिकों को जीवन पर्यन्त हर महीना 1500 रूपए मासिक पेंशन दी जाएगी। आईटीआई में कार्यरत संविदा प्रशिक्षण अधिकारियों के एकमुश्त संविदा वेतन को 25780 रूपए से बढ़ाकर 32740 रूपए करने तथा मेहमान प्रवक्ताओं के प्रति माह अधिकतम भुगतान की सीमा को 13 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए करने की घोषणा की गई। साथ ही छत्तीसगढ़ में शिक्षा सुविधाओं में योगदान देने वाले अंशकालीन सफाई कर्मी एवं मध्यान्ह भोजन से जुड़े रसोईयों के मानदेय में 500 रूपए प्रति माह वृद्धि की घोषणा की।

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनता के नाम अपने स्वतंत्रता दिवस संदेश में कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला। वास्तव में यह मानवता को तरह-तरह के अत्याचारों और अन्यायोें से मुक्त कराने की बड़ी लड़ाई थी, जिसका संदेश पूरी दुनिया में गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक नया सफर शुरू हुआ है, जिसमें हमने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का जो संकल्प लिया था, उसे पूरा करने का काम जी-जान से कर रहे हैं। यही वजह है कि प्रदेश के वन अंचल से लेकर कस्बों, गांवों, शहरों में, हर जगह खुशहाली आई है। हमने छत्तीसगढ़ में सभी वर्गों का स्वाभिमान और और स्वावलंबन बढ़ाने के लिए 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए से अधिक की राशि विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लोगों के बैंक खातों में प्रदान की है। विकास का हमारा ह्यछत्तीसगढ़ मॉडलह्ण प्रदेशवासियों के लिए उम्मीदों की नई किरणें लेकर आया है, साथ ही देश को भी नई दिशा देने में सफल रहा है। हम सब मिलकर ह्यगढ़बो नवा छत्तीसगढ़ह्ण का लक्ष्य पूरा करेंगे।

अमर शहीदों को नमन

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आजादी की लड़ाई में लाखों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। इसमें छत्तीसगढ़ का नाम अग्रिम पंक्ति में दर्ज कराने वाले अमर शहीद गैंदसिंह, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे महान सपूतों का पावन स्मरण करते हुए मैं सभी अमर शहीदों को नमन करता हूं। मंगल पाण्डे, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतिबाई लोधी जैसी हजारों विभूतियों की शहादत हमें देश के लिए सर्वाेच्च बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी। हमारा सौभाग्य है कि आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले अनेक महान नेता आजाद देश के नवनिर्माण का नेतृत्व भी करते रहे। मैं उन पुरखों को याद करते हुए नई पीढ़ी को बलिदान और योगदान की गौरवशाली विरासत से जोड़ना चाहता हूं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, लाल बहादुर शास्त्री, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल-बाल-पाल, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसी विभूतियों ने राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व दिया था।

दिलों को जोड़ती न्याय योजनाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी न्याय योजनाओं का प्रत्यक्ष असर हो रहा है। हमारी न्याय योजनाएं प्यार की गंगा बहा रही हैं और दिलों को जोड़ रही हैं। किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग, महिला, युवा, बच्चे आदि सभी का जीवन सरल बनाने, इनकी जरूरतों को पूरा करते हुए तरक्की के रास्ते पर आगे ले जाने के लिए हमने बड़े-बड़े निर्णय लिए हैं।

धान की खरीदी, अब प्रति एकड़ 20 क्विंटल

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों से किया हुआ वादा कैसे निभाया, यह बात सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश और देश जानता है। सरकार बनते ही सबसे पहले लगभग 9 हजार करोड़ रुपए का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ किया। 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदा। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की मात्रा लगभग 56 लाख मीट्रिक टन से बढ़ाकर 107 लाख मीटरिक टन किया। यह कुशल प्रबंधन और हमारी सरकार के प्रति बढ़े विश्वास के कारण हुआ। धान बेचने वाले किसानों की संख्या 12 लाख 60 हजार से बढ़कर करीब 25 लाख हो गई। धान खरीदी केन्द्रों की संख्या 1 हजार 989 से बढ़ाकर 2 हजार 617 किया। हम अपने वादे पर अडिग हैं कि आगामी खरीफ मौसम में छत्तीसगढ़ के किसान भाई-बहनों से प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी। किसानों को ब्याजमुक्त ऋण देने के लिए प्राथमिक कृषि साख समिति की संख्या 1 हजार 333 से बढ़ाकर 2 हजार 58 किया। कृषि ऋण की राशि 3 हजार 546 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7 हजार करोड़ रुपए की गई। किसानों की बकाया सिंचाई कर की 342 करोड़ रुपए की राशि माफ की गई।

किसानों के लिए बढ़ती सुविधाएं

किसानों की सुविधाएं बढ़ाने के लिए 587 कृषक सदन तथा किसान कुटीर, धमधा में फल-सब्जी मंडी, जगदलपुर, कांकेर तथा धमतरी में सामुदायिक बीज बैंक, कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में उच्च स्तरीय फाईटोसेनेटरी प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। खेतों में ज्ञान की फसल रोपने के लिए 6 नवीन कृषि महाविद्यालय, 11 उद्यानिकी महाविद्यालय, एक वानिकी महाविद्यालय एवं एक खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, इस प्रकार कुल 19 नवीन महाविद्यालयों और महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना की गई है।

सिंचाई सुविधाओं का विस्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वादा निभाते हुए जल संसाधन विकास नीति 2022 लागू की। बेहतर सिंचाई प्रबंधन के कारण वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2022-23 में 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में अतिरिक्त खरीफ सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई। विगत 4 वर्षों में सिंचाई परियोजनाओं के 1 हजार 36 कार्य स्वीकृत हुए हैं, जिसके लिए 4 हजार 451 करोड़ रुपए से अधिक राशि स्वीकृत की गई। 2 लाख 36 हजार 338 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई क्षमता का विस्तार सुनिश्चित किया गया। नदियों के संरक्षण और संवर्धन का वादा निभाते हुए ह्यअरपा बेसिन विकास प्राधिकरणह्ण तथा ह्यइंद्रावती बेसिन विकास प्राधिकरणह्ण का गठन किया है। बांध पुनर्वास एवं सुधार योजना पर कार्य शुरू किया है।

गौठानों से गांव में आ रहा आर्थिक स्वावलंबन

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी ह्यसुराजी गांव योजनाह्ण गांवों, खेतों, पर्यावरण और आजीविका में सुधार की दृष्टि से देश और दुनिया में सराही गई है। इसके माध्यम से हजारों नरवा का उपचार किया जा चुका है, जिससे उन क्षेत्रों का भूजल स्तर तेजी से बढ़ा है। गौठानों के लिए प्रदेश में 1 लाख एकड़ से अधिक जमीन संरक्षित की गई। 7 हजार से अधिक चारागाह स्वीकृत हुए। 10 हजार से अधिक गौठानों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हुईं, जिसमें से लगभग 6 हजार गौठान स्वावलंबी हो गए हैं।

घुरुवा और गोधन न्याय योजना के माध्यम से गांवों में नई किस्म की आर्थिक क्रांति का सूत्रपात हुआ है। गोबर और गौमूत्र खरीदी, इनसे जैविक खाद तथा जैविक कीटनाशक के निर्माण से छत्तीसगढ़ रासायनिक खाद से मुक्ति की दिशा में चलना शुरू कर चुका है। गौठानों की आर्थिक गतिविधियों से महिला स्व-सहायता समूहों सहित विभिन्न जुड़े हुए लोगों को हुई आय भी 500 करोड़ रुपए से अधिक हो चुकी है। इसी तरह बाड़ी कार्यक्रम में लगभग 5 लाख निजी बाड़ी तथा लगभग 6 हजार सामुदायिक बाड़ी का विकास किया जा चुका है।

हमने ह्यगोधन न्याय योजनाह्ण के माध्यम से पशुपालन को बढ़ावा दिया है, तो पशु स्वास्थ्य के व्यापक प्रबंध भी किए हैं। 45 नवीन पशु औषधालयों की स्थापना और 20 पशु औषधालयों का उन्नयन किया गया है। 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट, राज्य स्तरीय कॉल सेंटर तथा 28 जिलों में पशुओं को हिंसा से बचाने के लिए सोसायटी का गठन किया गया है।

तीन सौ नए रीपा प्रारंभ

हमने ह्यमहात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्कह्ण (रीपा) के माध्यम से ग्रामीण उद्योगों की क्रांति का बीड़ा उठाया है। यह वादा निभाते हुए जिलों में 300 रीपा स्थापित किए हैं। जिसमें 1 हजार 300 से अधिक उद्योग संचालित हैं और लगभग 11 हजार लोगों को इनसे सीधा रोजगार मिला है। रीपा की तर्ज पर नगरीय निकायों में ह्यमहात्मा गांधी अर्बन इंडस्ट्रियल पार्कह्ण का निर्माण भी किया जा रहा है।

32 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, बीसी सखी, समुदाय आधारित संवहनीय कृषि योजना जैसे उपायों के माध्यम से 32 लाख से अधिक महिलाओं को रोजगार दिया जा रहा है। वहीं गौठान, जैविक खेती तथा डीडीयू-जीकेवाय योजनाओं से भी 2 लाख से अधिक महिलाओं को नए तरह के रोजगार के अवसरों से जोड़ा गया है।

आवास न्याय योजनाह्ण प्रारंभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गांवों में कोई भी परिवार बेघर न रहे, इसके लिए हमने बहुत बड़ी सोच और न्याय की विराट भावना से काम लिया है। एक ओर जहां ह्यप्रधानमंत्री आवास योजनाह्ण के तहत प्रदेश में 8 लाख 63 हजार 445 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है तथा शेष 2 लाख 12 हजार 701 आवासों के निर्माण हेतु हमने राज्य के नए बजट में 3 हजार 228 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। वहीं दूसरी ओर हमने वर्ष 2011 की जनगणना के बाद पात्र हुए परिवारों की भी चिंता की है। भारत सरकार द्वारा हमारे अनुरोध को नहीं माना गया, तो हमने राज्य स्तर पर सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण कराते हुए प्रदेश की अपनी योजना लागू करने का वादा किया था। मुझे खुशी है कि यह वादा पूरा करते हुए हमने ह्यआवास न्याय योजनाह्ण प्रारंभ कर इसके लिए प्रथम बजट प्रावधान भी कर दिया है। यह योजना भी हमारी सरकार की न्याय यात्रा का बहुत महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगी।

पंजीकृत श्रमिकों को मिल रही विभिन्न सुविधाएं

श्रमिकों को बेहतर जीवन उपलब्ध कराने के लिए हमने अनेक क्रांतिकारी उपाय किए हैं। कारखाना अधिनियम के अंतर्गत सेवानिवृत्ति की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई। छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल तथा छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल के अंतर्गत 38 लाख 32 हजार श्रमिकों का पंजीयन किया गया है। पंजीकृत श्रमिकों को बीमा, स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा, कौशल उन्नयन, पारिवारिक जरूरतों आदि से संबंधित योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।

देश में सर्वाधिक लघु वनोपज का संग्रहण

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी अंचलों और वन क्षेत्रों सहित प्रदेश के बड़े हिस्से में आजीविका के नए-नए अवसर बनाने, जीवन स्तर संवारने, तरक्की और खुशहाली के नए-नए आयाम गढ़ने को हमने सबसे जरूरी काम समझा है। वर्ष 2018 तक तेन्दूपत्ता संग्रहण और मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी भी बेहद अनमने तथा अव्यवस्थित तरीके से की जाती थी, जिससे वन आश्रित लोगों का हक मारा जा रहा था। हमारी सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 2 हजार 500 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रतिमानक बोरा किया। वर्ष 2021 तथा 2022 में हुए तेन्दूपत्ता के कारोबार से इस वर्ष लगभग 500 करोड़ रुपए की राशि संग्राहकों को प्रोत्साहन पारिश्रमिक के रूप में राशि दी जा रही है। वहीं हमने 67 अन्य लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने का इंतजाम किया और 388 करोड़ रुपए मूल्य की लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया है। छत्तीसगढ़ देश की कुल लघु वनोपज का तीन चौथाई से अधिक उपार्जन करने वाला राज्य बन गया है। हमने इन वनोपजों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, विपणन के लिए भी अनेक उपाय किए हैं। ह्यसी-मार्टह्ण का संचालन किया जा रहा है, जहां 1 हजार 512 प्रकार के उत्पादों को बेचा जाता है।

खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा को भी मिली गति

मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वभौम पीडीएस हमारा एक बड़ा वादा था। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 2 करोड़ 66 लाख लोगों तक पीडीएस को पहुंचाकर वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शत-प्रतिशत कव्हरेज कर लिया है। खाद्य सुरक्षा के साथ पोषण सुरक्षा को भी गति दी गई है। सभी जिलों में अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, नि:शक्तजन राशनकार्डधारियों, मध्यान्ह भोजन योजना एवं पूरक पोषण आहार योजना के हितग्राहियों को आयरन एवं पूरक फोलिक एसिडयुक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है। 64 लाख जरूरतमंद राशनकार्डधारियों को वर्ष 2023 की पूरी अवधि में मासिक पात्रता का चावल नि:शुल्क दिया जा रहा है। ह्यवन नेशन-वन राशन कार्ड योजनाह्ण का क्रियान्वयन भी सभी राशन दुकानों में किया जा रहा है।

सुपोषण अभियान : पौने तीन लाख बच्चे कुपोषण और दो लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त

उन्होंने कहा कि हमने 4 वर्ष पहले यह आकलन किया था कि प्रदेश में 4 लाख 33 हजार बच्चे कुपोषित हैं। इस बात को हमने बहुत गंभीरता से लेते हुए ह्यमुख्यमंत्री सुपोषण अभियानह्ण की शुरूआत की थी। आज मुझे यह कहते हुए खुशी होती है कि हमारे अभियान से लगभग पौने तीन लाख बच्चे गंभीर कुपोषण से एवं पौने 2 लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हो गई हैं। इस तरह नवा छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी को स्वस्थ तथा सुपोषित बनाने का हमारा संकल्प पूरा हो रहा है। मैंने पाया कि बेटियों तथा नवजात शिशुओं की देखरेख में लगी मैदानी कार्यकतार्ओं को मिलने वाला मानदेय काफी कम है तो हमने आंगनवाड़ी सहायिका, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बहनों का मानदेय दोगुना कर दिया है। 10 हजार आंगनवाड़ी केन्द्रों का ह्यमॉडल केन्द्रह्ण के रूप में विकास, 1 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों का ह्यबाल सुलभ केन्द्रोंह्ण के रूप में विकास, 5 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों में ह्यबालवाड़ियोंह्ण का आरंभ, 10 आकांक्षी जिलों और 20 विकासखण्डों में ह्यसक्षम आंगनवाड़ी केन्द्रोंह्ण का विकास जैसे प्रयासों का अच्छा असर हो रहा है।

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना: 25 लाख तक के इलाज की सुविधा

ह्यस्वस्थ छत्तीसगढह्ण हमारी प्राथमिकता में ऊंचे स्थान पर रहा है। इसके लिए हमने प्रदेश में अस्पतालों की गुणवत्ता सुधार, नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का काम बहुत तेजी से आगे बढ़ाया। तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दूरस्थ आदिवासी अंचलों के हाट-बाजारों, दुर्गम बसाहटों से लेकर शहरों की तंग बस्तियों तक चलित स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई। ह्यडॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजनाह्ण से व्यापक राहत दी। ह्यमुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजनाह्ण के जरिए 25 लाख रुपए तक उपचार की नि:शुल्क सुविधा दी गई। हाट-बाजार क्लीनिक, शहरी स्लम स्वास्थ्य सहायता, दाई-दीदी क्लीनिक योजना, हमर लैब, नि:शुल्क डायलिसिस कार्यक्रम आदि के माध्यम से 2 करोड़ से अधिक लोगों को राहत पहुंचाई गई है।

श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर: मरीजों को 70 प्रतिशत तक सस्ती दवाएं

श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना के तहत 71 लाख लोगों को 70 प्रतिशत तक सस्ती दवा मिलने से 124 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हुई है। विभिन्न प्रयासों से संस्थागत प्रसव की दर 73.8 से बढ़कर 86.7 प्रतिशत हुई है। मातृ मृत्यु दर 173 से घटकर 137 प्रति लाख हो गई है। कुष्ठ प्रभाव दर 7.72 से घटकर 1.7 प्रति हजार हो गई है। मलेरिया परजीवी सूचकांक 4.6 से घटकर 0.46 प्रतिशत हो गया है। इस तरह हम स्वस्थ छत्तीसगढ़ गढ़ने का सपना भी तेजी से साकार कर रहे हैं।

राज्य गठन के बाद पहली बार नियमित शिक्षकों की भर्ती

ह्णअच्छी शिक्षा विद्यार्थियों के मन के बंधनों को खोलती है तथा उन्हें आदर्श नागरिक के रूप में देश-सेवा के लिए तैयार करती है। हमारी सरकार ने राज्य गठन के बाद पहली बार नियमित शिक्षकों की भर्ती का अभियान छेड़ा है, जिसके पहले चरण में 10 हजार 834 शिक्षकों की भर्ती की गई है, वहीं अब बस्तर तथा सरगुजा संभाग के लिए 12 हजार 489 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है।

आर्थिक रूप से मध्यम और कमजोर तबकों के बच्चों को महंगे स्कूलों में शिक्षा दिलाने का सपना लाखों परिवारों को तोड़ देता था, इसलिए हमने सरकारी स्कूलों को ही अधोसंरचना, पढ़ाई तथा पाठ्य सहगामी सुविधाओं की दृष्टि से इतना उन्नत बनाने की पहल की है कि ये स्कूल शिक्षा के साथ मान-सम्मान और स्वाभिमान के केन्द्र भी बनें। शासकीय स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के अंतर्गत अब 377 अंग्रेजी माध्यम तथा 349 हिन्दी माध्यम विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं, जहां 4 लाख 21 हजार बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। यहां से निकले युवाओं को अंग्रेजी माध्यम में उच्च शिक्षा की उत्कृष्ट सुविधा देने के लिए शासकीय स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज भी 10 जिलों में शुरू किए गए हैं। ऐसे स्कूल-कॉलेजों की मांग लगातार बढ़ रही है।

स्कूल भवनों में बेहतर सुविधाओं के लिए ह्यमुख्यमंत्री स्कूल जतन योजनाह्ण शुरू

इतना ही नहीं, प्रदेश के सभी स्कूलों के भवन तथा अन्य सुविधाओं को उच्च स्तरीय बनाने के लिए हमने इसी वर्ष ह्यमुख्यमंत्री स्कूल जतन योजनाह्ण शुरू की, जिसमें 2 हजार 133 करोड़ रुपए की लागत से 29 हजार से अधिक शालाओं में समुचित कार्य कराए जाएंगे। इनमें से लगभग 2 हजार शालाओं में कार्य पूर्ण हो भी चुके हैं तथा 14 हजार शालाओं के कार्य प्रगति पर हैं।

कोरोना काल में शालाएं बंद होने के कारण हमने वैकल्पिक तरीकों से पढ़ाई कराई थी, जिसके कारण अन्य प्रदेशों में हुए नुकसान की तुलना में हमारे प्रदेश के बच्चों का स्तर बेहतर रहा। इसके बावजूद कोरोना काल से प्रभावित हुई पढ़ाई की भरपाई के लिए प्रदेश में विश्व बैंक की 2 हजार 500 करोड़ रुपए की मदद से चॉक परियोजना शुरू की जा रही है।

नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का आवासीय विद्यालय

प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के आवासीय विद्यालय का सपना साकार करने के लिए नवा रायपुर में 100 करोड़ रुपए की लागत से भवन निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा चुका है, वहीं राष्ट्रीय स्तर के शिक्षक-प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना भी नवा रायपुर में की जा रही है।

हायर सेकेण्डरी परीक्षा के प्रमाण-पत्र के साथ आईटीआई प्रशिक्षित होने का प्रमाण-पत्र देने की हमारी योजना से युवाओं को पढ़ाई के साथ रोजगारपरक प्रशिक्षण मिल रहा है और इससे उनका आत्मविश्वास भी तेजी से बढ़ा है। हमारी इस योजना का अनुसरण करने के निर्देश भारत सरकार ने अन्य राज्य सरकारों को भी दिए हैं, वहीं कौशल उन्नयन के विभिन्न उपायों के साथ रोजगार मेलों के माध्यम से निजी क्षेत्रों में नौकरियां सुनिश्चित की जा रही हैं, जिसका लाभ लगभग 19 हजार युवाओं को मिला है।

 

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