CG ELECTION 2023 : जानें 20 में से 15 सीटों पर क्यों पिछड़ रही कांग्रेस, कौन-कौस से फैक्टर कांग्रेस की डुबाने जा रही नैय्या
CG ELECTION 2023 : छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। वहीं प्रदेश में 7 नवंबर सोमवार को 20 सीटों के लिए प्रथम चरण का मतदान हुआ है। जहां वर्ष 2018 में कांग्रेस ने फतेह किया था। और भारतीय जनता पार्टी सिमट कर रह गई थी।
राजनीति के जानकारों की मानें तो BJP के 15 साल के कार्यकाल के बाद जनता परिवर्तन चाहती थी। साथ ही कांग्रेस के घोषणा पत्र आमजन को लुभाने में सफल साबित हुये थे। जिसका नतीजा वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सिर जीत का शेहरा सज गया। और भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बनाये गये।
अब जब 2023 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। तो दोनों ही पार्टियां पूरी जोर लगाते दिख रही है। कल प्रदेश के 20 सीटों में विधानसभा चुनाव हुये हैं। जिसमें से 15 ऐसे हैं। जहां घोषणा पत्र असर नहीं डालने वाले हैं। वहीं 5 ऐसे सीट हैं। जहां घोषणा पत्र का कैल्कुलेशन अवश्य किया जाएगा। साथ ही ये सीटें नक्सल प्रभावित भी है। इतना ही नहीं 20 सीटों में लगभग 10 सीटों को हॉट सीट की श्रेणी में भी रखा गया है। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, मंत्री मोहम्मद अकबर, मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा, पूर्व मंत्री लता उसेंड़ी सहित कई बड़े चेहरों के सीट शामिल हैं।
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CG ELECTION 2023 : वर्ष 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद लोगों को विश्वास जगने लगा था कि भूपेश बघेल कुछ अलग करने वाले हैं। जिसका नतीजा रहा धान का समर्थन मूल्य, कृषि ऋण माफी, नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी सहित प्रदेश की संस्कृति के प्रति सरकार का सकारात्म रवैया रहा।
कहते हैं तराजू के एक पहलू नहीं होते। ये सिर्फ एक एक पहलू मात्र थे। जो जनता को दिख रहे थे। दूसरा पहलू लोगों को काफी देर से समझ आया। जिसके तहत प्रदेश में 2200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की बात किसी से छिपी नहीं है। कोयला घोटाले की आंच सीएम हाउस तक पहुंच गई। राजनीति के जानकारों का मानना है कि सरकार को सीएम भूपेश बघेल नहीं चला रहे थे। बल्कि सौम्या चौरसिया चला रही थी।
राजधानी रायपुर में महापौर के भतीजे की कहानी किसी से छिपी नहीं है। कलेक्ट्रेट के पार्किंग में खुलेआम बकरा काटा गया।
CG ELECTION 2023 : सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार तो आज आम बात है। लेकिन हद तो तब हो गई। जब भ्रष्टाचार पीएससी भर्ती तक जा पहुंची। यह मामला आज हाईकोर्ट पहुंच गई है। पीएससी के माध्यम से टामन सिंह सोनवानी के सभी रिश्तेदारों को बड़े ओहदे प्रसाद की तरह बांटे गये। वहीं कुछ कांग्रेसी नेताओं के बेटों को भी प्रसाद वितरण किया गया।
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पीएससी भर्ती का मामला इतने में ही कहां रुकने वाला था। इस भर्ती के लिखित परीक्षा में गलत जवाब देने वालों को पूरा नंबर और सही जवाब देने वाले को कम नंबर देने का खेल खेला गया। इसके सबूत सोशल मीडिया में धड़ल्ले से वायरल हुये हैं। बावजूद मुख्यमंत्री का रवैया गैर जिम्मेदाराना नजर आता रहा।
90 के दशक में लोग एक गीत खूब गुन गुनाते थे। इलू-इलू अब इस गीत को लोग एक फिर गुन गुनाने लगे हैं। हालांकि बोल थोड़े परिवर्तित हो गये हैं। अब इसे ईडी-ईडी कहने लगे हैं। ईडी का मतलब भ्रष्टाचार पे डंडा…जिसका रोना आये दिन भूपेश बघेल रोते नजर आ रहे हैं।
CG ELECTION 2023 : कोरोना काल के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होते जा रही थी। ऐसे में भिलाई के कुछ लोगों को पैसा कमाने का नया जरिया मिल गया। नाम था महादेव बुक एप इसके माध्यम से काफी पैसा बनाया गया। इस मामले को भारतीय जनता पार्टी लगातार उठाते रही। जिसकी भनक ईडी को लग गई। अब इसके तार स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके बेटे व कई करीबियों तक पहुंच गई है।
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पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विकास यात्रा खूब चर्चा में रही। जो भूपेश बघेल को भी भा गई। जिसका नाम परिवर्तन कर भेंट मुलाकात चलाया गया। वहीं इस मुलाकात में लोगों की समस्याएं सुनते व सुलझाते रहे। इसकी भी जल्द किरकिरी होने लगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी गुस्सा लोगों को दिखाते दिखे। जिससे क्षुब्ध होकर महिला ने खुदकुशी करने का प्रयास भी किया। हालांकि बाद में मुख्यमंत्री ने माफी मांगी।
यह पहला मामला नहीं था। जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भेंट मुलाकात में आमजन पर आक्रोशित नजर आये हों। इस तरह की घटनाएं आम रही। वहीं सरकार के मंत्री अमरजीत भगत को सुनाई नहीं देने का वीडियो तेजी से वायरल हुआ। इतना ही नहीं मंत्री अमरजीत भगत अपने ही सहयोगी पर भड़कते नजर आये।
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CG ELECTION 2023 : सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव का मामला किसी से छिपा नहीं है। चाहे बात ढ़ाई-ढ़ाई साल के सीएम का रहा हो। या लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान नहीं दिला पाने का मामला हो। सब कुछ जग जाहिर है। मंत्री सिंहदेव ने अपने आप को दुखी पाते हुये पद से इस्तीफा दे दिया। जो काफी चर्चा में रहा। इस मामले को विपक्षी दल लगाते उठाते रही है।
अब देखने वाली बात होगी। क्या दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र का मतदाता एनालिसिस करेगी। या पिछले समय में हुये भ्रष्टाचार कांग्रेस से सत्ता छिनने में सफल साबित होती है।