हिंसा के बाद Nuh-Gurugram में हो चुका है पलायन का दौर शुरू , घर छोड़ने को मजबूर है लोग
Nuh-Gurugram : हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई यानी सोमवार को हिंसा भड़की थी. इस रोज 2 समुदायों के बीच टकराव हुआ था. हिंसा की आग में दोनों समुदायों के घर झुलसे. इतना ही नहीं, हिंसक झड़प में 2 होम गार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई है. सीएम खट्टर कह चुके हैं कि पुलिस हर व्यक्ति की सुरक्षा नहीं कर सकती. आलम ये है कि जहां हिंसा हुई, वहां पलायन का दौर शुरू हो चुका है. पलायन करने वालों में हिंदू और मुसलमान दोनों ही शामिल हैं. इन लोगों का कहना है कि अब यहां में डर लग रहा है. अभी यहां रहने लायक हालात नहीं बचे हैं. परिवार की बेहतरी के लिए यहां से जा रहे हैं. भविष्य में अगर हालात सुधरते हैं तो हम वापस आ सकते हैं. पलायन करने वाले परिवार नूंह और गुरुग्राम के रहने वाले हैं. पढ़िए इन परिवारों की जुबानी.
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गुरुग्राम में रहने वाले रहमत अली बंगाल जाने की तैयारी कर रहे
Nuh से शुरू हुआ हिंसा का दौर गुरुग्राम तक जा पहुंचा था. गुरुग्राम के सेक्टर 70A में एक झुग्गी में रहने वाले रहमत अली ने कहा कि मंगलवार की रात कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए और हमें धमकी दी कि अगर हम वहां से नहीं गए तो वे हमारी झुग्गी में आग लगा देंगे. पुलिस रात से ही यहां मौजूद है, लेकिन मेरा परिवार डरा हुआ है और हम शहर छोड़ रहे हैं. रहमत अली ऑटो-रिक्शा चलाते हैं. हिंसा से डरे हुए रहमत अली अपने घर पश्चिम बंगाल वापस जाने के बारे में सोच रहे हैं. उन्होंने कहा स्थिति सुधरने पर हम वापस आ सकते हैं.
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परिवार समेत पैदल निकलने की तैयारी
Nuh में कुछ हिंदू परिवारों ने भी घर छोड़ने का फैसला किया है. दरअसल, जिले में कर्फ्यू लगा हुआ है. ऐसे में ये लोग परिवार के साथ पैदल ही वहां से निकलने की तैयारी कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के जगदीश ने कहा कि वह पिछले कई महीनों से नूंह में रह रहे हैं लेकिन अब यहां डर लग रहा है और वह अपने गृहनगर चले जाएंगे.
400 हिंदू परिवारों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया
जगदीश की तरह उत्तर प्रदेश के राम अवतार अपने परिवार के साथ नूंह में रह रहे हैं, उन्होंने कहा कि कई हिंदू परिवारों ने मंगलवार रात से पलायन करना शुरू कर दिया है. लोग धीरे-धीरे यहां से निकलना चाह रहे है. परिवार की सुरक्षा को लेकर डर लग रहा है. बस यही सोच रहे हैं कि किसी भी तरह अपने गृहनगर तक सुरक्षित पहुंच जाएं. दिहाड़ी मजदूर करने वाले जगदीश ने दावा किया, लगभग 400 हिंदू परिवारों को शहर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.
बमिशा बोली- मुझे अपनी जान का डर
पश्चिम बंगाल की मूल निवासी बमिशा खातून सेक्टर -70A में झुग्गी में रहती हैं, उन्होंने कहा कि वह 3 साल पहले काम की तलाश में गुरुग्राम आई थीं. वह हाउस हेल्प के रूप में काम करती हैं. खातून ने कहा कि मुझे अपनी जान का डर है और मैंने अपने गृहनगर जाने का फैसला किया है. बमिशा खातून की तरह एक और प्रवासी अहिला बीबी ने कहा कि वह अपनी जाम का जोखिम नहीं लेना चाहती हैं और स्थिति सुधरने पर बाद में वापस आएंगी.
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शहर छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं
पश्चिम बंगाल के मूल निवासी खालिद ने कहा कि उनके पास शहर छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. हमने अपने जमीन मालिक से बात की, जिन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि सांप्रदायिक भड़कने के बाद वह किसी भी अप्रिय घटना के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे. इसलिए हमने अपने पैतृक गांव लौटने का फैसला किया.
ये लोग अपने गृहनगर लौटने को मजबूर
पुलिस के अनुसार वजीराबाद, घाटा गांव, सेक्टर 70ए और बादशाहपुर में झुग्गियों में रहने वाले कई लोग अपने गृहनगर लौट रहे हैं. इनमें से ज्यादातर मुस्लिम समुदाय से हैं. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कुछ प्रवासी श्रमिक जो ड्राइवर, माली, रेहड़ी-पटरी वाले, हाउस हेल्प के रूप में काम करने वाले लोग डर के कारण अपने मूल स्थानों पर वापस जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है. किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरे जिले में पुलिस और आरएएफ तैनात है. हमने लोगों से अफवाहों से बचने और न डरने की अपील की है.
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लोग बिना डरे रहें
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने बताया कि यह हमारी जानकारी में आया है कि कुछ श्रमिक अपने मूल स्थानों पर लौट रहे हैं लेकिन गुरुग्राम में स्थिति सामान्य है. उन्हें डरना नहीं चाहिए, और हम उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन देते हैं.
इन इलाकों से भी हो रहा पलायन
जानकारी के मुताबिक मानेसर, टीकली, कसान, IMT और कुछ अन्य क्षेत्रों से भी कई लोग अपने मूल स्थानों पर लौटने के बारे में सोच रहे हैं. इस बीच बुधवार को मुख्य सब्जी मंडी के पास गुरुद्वारा रोड और खांडसा मंडी से भी कई फलों की रेहड़ियां गायब पाई गईं. गुरुग्राम के जामा मस्जिद के पास का इलाका भी सुनसान नजर आया. क्षेत्र में मांस की दुकानों सहित अधिकांश दुकानें बंद रहीं.
5 अगस्त तक इंटरनेट बंद
हरियाणा सरकार ने नूंह के हालात को देखते हुए 2nd IRB के हेडक्वार्टर को गुरुग्राम के भोंडसी से तत्काल प्रभाव से नूंह में शिफ़्ट करने का आदेश जारी किया है. नूंह और आसपास के इलाकों में हालात सामान्य बनाने के लिए केंद्र सरकार से केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स इसकी पांच कंपनियां और मांगी गई हैं. हालातों के मद्देनजर फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम के सोहना, पटोदी और मानेसर में 5 अगस्त तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी.