अगर आप Online Gaming के हैं शिकार, तो सावधान, करनी पड़ सकती है जेब ढिली
नई दिल्ली। देश में बढ़ते Online Gaming उद्योग के लिए माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद से एक कर ढांचा विकसित किये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के पूर्व अध्यक्ष जॉन जोसेफ ने आॅनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए एक कर ढांचा बनाये जाने की आवश्यकता बताते हुये कहा है जैसे-जैसे आॅनलाइन गेमिंग उद्योग विकसित हो रहा है जीएसटी परिषद के लिए एक कर ढांचा विकसित करना महत्वपूर्ण है जो इसकी अनूठी प्रकृति को स्वीकार करता है और इसके विकास का समर्थन करता है। नियमों और कानूनों में हाल के विकास पर विचार करके, परिषद एक निष्पक्ष और उचित कराधान प्रणाली स्थापित कर सकती है जो उद्योग को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती है और यह सुनिश्चित करती है कि कर राजस्व उचित रूप से एकत्र किया गया है।
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Online Gaming : ट्राइलीगल के पार्टनर मेयप्पन नागगापन ने कहा कि वर्तमान में, यदि कोई खिलाड़ी 100 रुपये का भुगतान करता है, तो कंपनी द्वारा 15 रुपये का सेवा शुल्क लिया जाता है, जबकि बाकी रकम 85 रुपये को पुरस्कार पूल में डाल दिया जाता है, जो सीधे विजेता को दिया जाता है। वर्तमान कर संरचना के तहत, जीएसटी 15 रुपये पर देय है, जो कि कौशल के खेल के लिए 18 प्रतिशत की दर से सेवा के लिए प्रतिफल है, जो 2.7 रुपये बैठता है।
उन्होंने कहा पूरी राशि पर जीएसटी लगाना, वह भी 28 प्रतिशत उद्योग के लिए घातक होगा। ऐसे लेनदेन पर भुगतान किए गए प्रभावी कर में परिवर्तन 2.7 रुपये के विपरीत 28 रुपये तक बढ़ जाता है, जो लगभग 1000 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। कर की यह राशि (28 रुपये) प्लेटफॉर्म द्वारा अर्जित राजस्व (15 रुपये) से अधिक होगी, जो व्यवसाय को अव्यवहार्य बना देगी।
Online Gaming उद्योग का मानना है कि जीएसटी परिषद आॅनलाइन गेमिंग के लिए कर ढाँचे पर फैसला लेगी जिसके सम्बंधित प्रभाव सहायक क्षेत्रों में देखे जा सकते हैं। आॅनलाइन गेमिंग उद्योग पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है। उद्योग में तकरीबन 20000 करोड़ का निवेश हुआ है और उम्मीद है कि 2025 तक 50000 करोड़ रूपए तक पहुंच सकता है।
इस संबंध में फैसला उद्योग के बेहतर विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा, ज्यादा एफ डी आई को आकर्षित करेगा, और 2025 – 26 तक एक लाख करोड़ डॉलर डिजिटल अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में मुख्य भूमिका निभाएगा।
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उद्योग का कहना है कि आॅनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लागू करने का मुद्दा दो सालों से अधिक से चल रहा है। 2021 में, परिषद ने आॅनलाइन गेमिंग, कसीनो और रेस पर कराधान का सुझाव देने के लिए मंत्रियों का समूह बना था। इस समूह ने सुझाव दिया है कि आॅनलाइन गेमिंग के लिए कांटेस्ट ऐंट्री अमाउंट (सीईए) के कुल मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू किया जाए जो कि कसीनो, लाटरी और रेस से सम्बंधित है।
उद्योग के अनुसार प्रस्तावित जीएसटी दरों से आॅनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों के लिए परिचालन लागत में वृद्धि होगी जिसे वे उपयोगकतार्ओं पर डालने के लिए मजबूर होंगे, जिससे भागीदारी कम हो जाएगी और पूरा क्षेत्र निष्क्रिय हो जाएगा। इसके अलावा, आॅनलाइन गेमिंग क्षेत्र के बढ़ने से क्लाउड कंप्यूटिंग, गेम डिजाइनिंग, डिजिटल भुगतान समाधान और एनीमेशन जैसे विभिन्न सहायक उद्योगों का विकास हुआ है। यह अनुमान लगाया गया है कि आॅनलाइन गेमिंग बाजार 2022 में 2.8 अरब डॉलर से बढ़कर 2025 में 5 अरब डॉलर का हो जाएगा।