IT की सबसे बड़ी रेड : 300 करोड़ की टैक्स चोरी, 1200 करोड़ की बोगस खरीद के सबूत
IT : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का कानपुर, जो चमड़ा उद्योग के लिए मशहूर है, आजकल ये शहर काले कारनामों के चलते खूब बदनाम हो रहा है। कानपुर में एक के बाद एक काले कारनामे बाहर आ रहे हैं। इस बार जो खुलासा हुआ है, उसने आयकर विभाग (Income Tax) के भी होश उड़ा दिए हैं और आप भी सब कुछ जानकर हैरान रह जाएंगे। ऐसा इसलिए कि कानपुर (Kanpur) के अंदर आयकर विभाग की सबसे बड़ी छापेमारी में अरबों रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। पूरा मामला टैक्स चोरी का है।
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कानपुर में सर्राफा कारोबारी और रियल एस्टेट कारोबारी के ठिकानों पर गुरुवार से जारी आयकर विभाग की छापेमारी मंगलवार खत्म हो गई। देर रात तक ये कार्रवाई चली। सूत्रों ने बताया है कि छापेमारी के दौरान अरबों का फर्जीवाड़ा पता चला है। आईटी रेड में करीब 300 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी सामने आई है, जबकि 1200 करोड़ रुपये की बोगस खरीद का पता चला है। सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग को 500 करोड़ की बोगस बिक्री के सबूत मिले हैं। यही नहीं, 26 करोड़ रुपये का सोना और कैश भी रिकवर हुआ है। बताया जा रहा है कि ये आंकड़े खरीद-बिक्री के अनुमान पर आधारित हैं।
18 महीने बाद कानपुर में IT की बड़ी कार्रवाई
दिसंबर 2021 के बाद अब यानी 18 महीने बाद कानपुर में गुरुवार को IT छापेमारी शुरू की थी। यहां टैक्स चोरी की खबर मिली थी, जिसके आधार पर IT की टीम ने सर्राफा और रियल एस्टेट कारोबारी के ठिकानों पर स्ट्राइक की। 5 दिन चली रेड में आयकर विभाग ने एक बंद दुकान से 10 करोड़ कैश जब्त किए।
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बताया जा रहा है कि पिछले 5 दिन में 18 करोड़ कैश, 7 करोड़ के जेवरात और कीमती सामान सीज किए गए। इस पूरे मामले में IT, ED और DGGI के रडार पर कई बड़े पूंजीपति, कारोबारी रहे हैं, जिनके कारोबार सिर्फ कानपुर ही नहीं, बल्की देश भर में फैले हुए हैं।
IT के लिए वरदान साबित हुई AI
कानपुर में आयकर विभाग के लिए इस पूरे एक्शन में AI वरदान साबित हुई। AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जिसका आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश में इस्तेमाल किया है। आयकर विभाग ने इसके जरिए हाई वैल्यू संदिग्ध लेनदेन पर नजर रखी। पहले टैक्स चोरी पर मैनुअली नजर रखी जाती थी, जिसे ट्रेल करने में अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। AI के जरिए एक एंट्री डालते ही पीछे की कई एंट्री सॉफ्टवेयर अपने आप ले लेता था। एंट्री डालने पर ट्रांजैक्शंस की ट्रेल सामने आ जाती थी। IT के कुछ ही अधिकारियों के पास ये सुविधा है। पैन नंबर डालकर किए गए सभी लेन-देन को अपने कंप्यूटर की स्क्रीन पर देख सकते हैं।