यहां छिपा है kuber’s khajana, नोट गिनने मशीनें पड़ गई कम, आप भी कर लो अपनी गरीबी दूर

kuber’s khajana : आपने अक्सर कहानी या किस्सों में सुना होगा कि अचानक किसी को खजाना मिल गया औऱ फिर उसकी आर्थिक स्थिति पूरी तरह से बदल गई या तो फिर राजा-महाराजाओं के छिपे हुए धन के बारे में भी आपने कईं दिलचस्प बातें पढ़ी होगी, जिन्हे पढ़ने के बाद आपके दिल में भी कही ना कही ये बात तो आई होगी कि काश आपको भी ऐसा कोई खजाना मिल जाएं, लेकिन फिर आप इन बातों को सिर्फ कहानियां समझ कर भूल गए होंगे।

जी हां, फिल्मों में या किताबों में ऐसे खजानों के बारे में पढ़कर अक्सर मै भी ऐसा सोचती थी कि क्या सच में ऐसा होता है?

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क्या सच में इतिहास के पन्नों में लिखित खजने की ये बातें सच में हैं?

इन सब सवालों का जवाब हां हैं । हमारे देश में कईं जगह ऐसे कुबेर के खजाने हैं जिनके मिलने से पूरा देश मालामाल हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि हमारे देश भारत में भी ऐसी कईं जगहें हैं जहां बेशुमार खजाना छिपा हुआ है।

आइए आपको बताते हैं कुबेर के खजाने और उन जगहो के बारे में-

अलवर का खज़ाना

आप शायद इस बात से अनजान होंगे कि अलवर जिले में एक बाला नाम का किला है जो यूं तो एक ऐतिहासिक पर्यटन स्थल है लेकिन यहां बड़ी मात्रा खजाना छिपा हुआ है जिसे अभी तक कोई ढूंढ नहीं पाया है। इस किले के शस्त्रागार को तहखाने को सील कर दिया गया है और यहां किसी को भी आने की इजाज़त नहीं है।

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हैदराबाद का खज़ाना

हैदराबाद में जैकब नाम का एक हीरा है जो विश्व का सातवां सबसे बड़ा अनकट हीरा है। ये कोहिनूर से भी दोगुना बड़ा हीरा है। इस हीरे के बारे में भी कईं कहानियां प्रचलित हैं। ऐसा कहा जाता है कि निज़ाम को ये इतना पसंद आया कि उन्होंने इसे उसी वक्त बिना किसी मोल भाव के खरीद लिया और उसे उसी का नाम देकर अपने पास रख लिया। साल 1995 में एक समझोते के बाद केंद्र सरकार ने महज 218 करोड़ रूपये में खरीद लिया था। हालांकि इन सभी आभूषणों की कीमत उस वक्त भी करीब 2000 करोड़ रूपये के आस पास थी।

पाटन का खज़ाना

गुजरात के पाटन ना केवल अपने आप में कईं इतिहास समेटे हुए हैं बल्कि ढ़ेर सारा खजाना भी यहां छिपा हुआ है। यहां एक शिव मंदिर है जिसके पास एक समाधि है। इस मंदिर की देखरेख करने वाले सोवन परिवार का दावा है कि यहां उनकी तीन-तीन पीढिय़ों ने इसी समाधि के नीचे खजाने दबाया हुआ है।

ये है कुबेर के खजाने

जी हां, इसके अलावा भी ऐसी कई औऱ खज़ानों की कहानियां हैं जो हमारे देश के दिल में दबी हुई है। इन कहानियों से जुड़ी अलग-अलग अवधारणाएं हैं जो इन्हें अलग-अलग प्रकार से बयां करती है। अब तो आप समझ गए ना कि यूं ही नहीं भारत को सोने की चिडिया कहा जाता था। इस देश में अंग्रेज़ों की हुकुमत से पहले खूब धन-दौलत हुआ करती और उसमें से कुछ आज भी बची है जो इन गुफाओं में और कुछ पद्मनाभास्‍वामी मंदिर के तहखानों के अंदर बंद है। इन खजानों तक किसी आम आदमी का पहुंचना बहुत मुश्किल है।

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