Hathi Jhool Mango:क्या आपने देखा हैं चार-चार किलो का आम ? छत्‍तीसगढ़ के इसआम को चखने के बाद भूल जाएंगे सारी वैरायटी

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Hathi Jhool Mango in Mango Festival in Raipur: आम भला किसे नहीं पसंद..। बच्चे से लेकर युवा और बुजुर्ग, महिला-पुरूष सभी को फलों का राजा रसीले आम बेहद पसंद आते हैं। लेकिन यदि आपसे आम के किस्मों के बारे में पूछा जाए तो आप कितने का नाम बता पाएंगे?.. 10, 15 और ज्यादा से ज्यादा 20। लेकिन रायपुर में आयोजित आम महोत्सव में आपकों 300 से अधिक आमों की वैरायटी देखने काे मिलेगी।

मैंगो फेस्टिवल में आम की 200 से अधिक किस्में

मैंगों फेस्ट में पहुंचे लोगों में आम को लेकर अलग तहर की दीवानगी देखने को मिली। प्रदर्शनी में कुछ आम को लोगों ने चखा तो किसी को देखकर ही संतुष्ट रहना पड़ा। रायपुर के जोरा स्थित पंजाब केसरी भवन में पहली बार आयोजित मैंगो फेस्टिवल में लोगों की जमकर भीड़ उमड़ी। इस मैंगो फेस्टिवल में छत्तीसगढ़ की विभिन्न किस्मों के आम समेत अन्य राज्यों अहमदाबाद, लखनऊ, महाराष्ट्र, हैदराबाद के साथ लगभग 200 वैरायटी के आम है। वहीं खास लखनऊ के आम और आम के पौधे दोनों ही बिक्री के लिए उपलब्ध है।

आम महोत्सव में आकर्षण बना हाथीझूल आम

प्रदर्शनी में सैकड़ों आमों को सजाया गया है, लेकिन लोगों की आंखें एक बड़े साइज के आम में जाकर रुक रही थी। यह आम समान्य आमों से लगभग पांच से छह गुना बड़ा था। आयोजक में से जवाहर खन्ना ने बताया कि इस आम को बड़े आकार के कारण हाथीझूल के नाम से जाना जाता है। हाथीझूल आम का उत्पादन ज्यादातर बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर में होता है। एक आम पांच से छह किग्रा तक का होता है।

उन्होंने बताया कि वजन अधिक होने के कारण यह आम बाजार में देखने को नहीं मिलता। एक किलो की कीमत 150 रुपए तक होती है। इस आम को खाने के साथ आचार बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। इसके साथ प्रदर्शनी में रेशमी, बारहमासी, चौसा, कृष्णाभोग, केशर, चंदा, लंगड़ा, अंबिका, आम्रपाली, केसर, लालबाग, हिमायत, मल्लिका, दशहरी, खस उल खस, याकुर्ती, केरला, संडीला बेनजीर, बेलुहा, अमन भोग सहित विभिन्न आमों की प्रदर्शनी देखने को मिल रही है।

अमेरिका में उत्पादन की जाने वाली आम की प्रजाति टामी एटिकन्स :

मैंगों फेस्टी में प्रदेश, और देश के साथ विदेश के मुख्य उत्पादन किए जाने वाले आम की भी प्रदर्शनी लगाई गई है। ज्यादातर अमेरिका में उत्पादित वाले वाली आम की किस्म टामी एटिकन्स की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। उद्यानिकी विगाग के अधिकारियाें ने बताया कि यह भारत में उत्तरप्रदेश में उत्पादित की जाती है। टामी एटिकन्स आम खाने में स्वादिष्ट होने के साथ मधुमेह रोगियों के बेहद फायदेमंद रहता है। इसमें फाइबर ज्यादा हाेता है। इसका रंग लाल होता है। इसकी कीमत 500 रुपये तक होती है।

तीन से अधिक आम की लगी है तीन दिवसीय प्रदर्शनी :

17 से 19 दिसबंर तक आयोजित आम महोत्सव में 300 से अधिक आमों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसमें छत्तीसगढ़ की 200 से अधिक विभिन्न किस्मों के आम समेत अन्य राज्यों अहमदाबाद, लखनऊ, महाराष्ट्र, हैदराबाद, लगभग देशभर की वैरायटी के आमों का स्वाद ले पांएगे। प्रकृति की ओर सोसाइटी के सचिव मोहन वर्ल्यानी ने जानकारी दी कि खास लखनऊ के आम और आम के पौधे दोनों ही विक्रय के लिए आमों के उत्पादन के प्रति रुची ले सके। आयोजन में किसानों को भी आम के पौधों का वितरण कर उन्हें आम की खेती के बारे में जानकारी दी जा रही। ताकि किसान आमों के फसल से भी लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इसके अलावा मैंगो फेस्टिवल में महिलाओं के लिए भी खास तरह के आयोजन किए जाएगे। महोत्सव में आए लोगों के मनोरंजन के लिए स्पेशल फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, युवाओं के लिए सिंगिंग प्रतियोगिता और महिलाओं के लिए आम से व्यंजन बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान आम से क्या-क्या व्यंजन बनाए जा सकते हैं इस बारे में प्रतिष्ठित होटलों के शेफ वहां पर रेसिपी बताने के लिए उपलब्ध रहेंगे।

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