CG ELECTION : पुराने वादे पूरे नहीं करने वालों को नए वादे करने का अधिकार नहीं, छला हुआ महसूस कर रहे मध्यमवर्गीय
CG ELECTION : पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की सरगर्मिया तेज हो गई है. उम्मीदवारों की रातों की नींद उडी हुई है. प्रदेश में चुनाव की शोरगुल आज शाम से थम गये हैं. 17 नवम्बर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होना है.वही 3 दिसम्बर को परिणाम आ जाएगा।
15 साल तक सत्ता में रहने वाली बीजेपी को हराना कांग्रेस की बस की बात नहीं थी। लेकिन बीजेपी को उसके ही कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं के व्यव्हार ने हराया था. ये जगजाहिर है। वहीं 2018 में मतदाताओं को कांग्रेस का घोषणा पत्र रास आ गई. और बदलाव के लहर में बीजेपी पूरी तरह साफ हो गई. हलाकि 2023 में ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है.
सत्ता पर कब्ज़ा करने’ बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने घोषणा पत्र में वादों और गारंटियों की झड़ी लगा दी है. वादों और गारंटियों की जब बात होती है। तो दोनों ही पार्टी झूठी साबित होती है. 2003 के विधानसभा चुनाव से लेकर अब तक हुये चुनावों में दोनों ही पार्टियों ने जनता को धोखा दिया है.
Read More:आबकारी मंत्री Kawasi Lakhma का दावा : बीजेपी और मीडिया के अलावा किसी ने शराबबंदी पर नहीं पूछे सवाल
अब जब प्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. दोनों ही पार्टियों ने वादों की झड़ी लगा दी है. जिस पर मतदाता विश्वास नहीं कर पा रही है. और अगर मान भी लिया जाये कि सत्ता में आने वाली पार्टी वादे पूरी करेगी। तो अनुमान लगाइये इतनी मोटी रकम आएगी कहा से. क्या इसके लिये इन राजनितिक पार्टियों ने कुछ सोच रखा है. 50 हजार करोड़ का लगभग और कर्ज बढ़ जायेगा। जनता को देने के लिये जनता को ही कर्जदार बनाने की तैयारी है.
Read More:CG NEWS : बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश बघेल को दिया खुला चैलेंज, सीट भूपेश तय कर लें, हरा कर दिखाऊंगा
दोनों पार्टियों के घोषणा पत्र में नजर डालें तो सब कुछ ग्रामीण व किसानों के लिए है. मध्यम वर्गीय परिवार को साधने का घोषणा पत्र कोई प्रयास नहीं किया गया है. जबकि प्रदेश में एक बड़ा वर्ग माध्यम वर्ग में आता है। जिसके लिए घोषणा पत्र में कुछ नहीं है.
इससे स्पष्ट है इस बार मतदाता घोषणा पत्र पर फैसला नहीं सुनाने वाली है. बल्कि मतदाता पार्टी नहीं प्रत्याशी चुन सकती है.और अपने लिए बेहनेतर चुनने का प्रयास करेगी.