Political Drama : क्या नरेन्द्र मोदी छोड़ने जा रहे हैं प्रधानमंत्री का पद!, कौन है संजय जोशी?
नई दिल्ली। Political Drama : मोदी सरकार के 3.0 के 100 दिन पूरे होने वाले हैं। इस बीच नरेन्द्र मोदी की कुर्सी हिलनी शुरू हो गई है। इसकी सुगबुगाहट तेज होती जा रही है। इस बीच नीतिन गडकरी ने अलग ही अंदाज में दावा ठोक दिया है। हालांकि उन्होंने नाम नहीं लेते हुये एक बड़े नेता ने उन्हें प्रधानमंत्री का पद आॅफर किये जाने की बात का खुद खुलासा किया है। जिस पर उन्होंने अपनी सहमति नहीं देने की बात कही है। वहीं उन्होंने इस मुद्दे को हवा देने विपक्ष का सहारा भी लिया है। इससे स्पष्ट होता है RSS सत्ता की चाबी अपने हाथ रखना चाहती है। जिसके चलते सरकार के 100 दिन के वादे पूरे नहीं होने के बाद सत्ता को कंट्रोल करने बड़ा उलटपुलट करने जा रही है।
इस बीच राजनीतिक गलियारों से खबर आ रही है। BJP सरकार अपना 100 दिन के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पायी है। और आने वाले 200 दिन का लक्ष्य तैयार करने का प्लान बना रही है। राजनीति के चाणक्य और नरेन्द्र मोदी की जोड़ी ने 100 दिन के लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही पुराने चेहरों को मंत्रीमंडल में रिपीट किया था। ताकि पुराने कामों की फाइलों को अराम से समझा जा सके। नये व्यक्ति को जगह देने के बाद फाइलों की प्रोसेस को समझने में समय न लगे। अब जब सब गुड गोबार होता जा रहा है। तो आने वाले 200 दिन का लक्ष्य तैयार किया जा रहा है।
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Political Drama : आखिर नीतिन गडकरी का ही नाम क्यों आया। समझने वाली बात है। सभी जानते हैं RSS का हेड आॅफिस नागपुर में है। अब इस बीच एक और नाम सामने आ रहा है। वह है संजय जोशी का जिसे अमित शाह और नरेन्द्र मोदी ने किनारा लगा दिया था। अब खबर आ रही है उन्हें BJP का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की कवायद चल रही है। अचानक इस तरह के बड़े उधेड़बुन क्या संकेत दे रहे हैं। ये तो समझने वाली बात है। संजय जोशी जिन्हें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की तैयारी चल रही है। ये भी नागपुर से ही आते हैं।
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Political Drama : सरकार और भाजपा की लगाम एक बार फिर RSS अपने हाथ लेने की रणनीति बनाते दिख रही है। आखिर ये मुद्दे अभी ही क्यों उठ रहे हैं। तो आपको बता दें ये सब प्रायोजित था। सरकार के गठन के समय चाणक्य शाह और नरेन्द्र मोदी ने 100 दिन का लक्ष्य रखते हुये। अपने पुराने नेताओं को रिपीट किया था। और इसी का आरएसएस इंतजार कर रही थी। 100 दिन का कार्यकाल पूरा होते ही अब बम फोड़ना शुरू कर दी है।
नोट : पूरी लेख वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य का विश्लेषण करते हुये बनाया गया है।